1. प्राकृतिक सौन्दर्य के अन्दर 70 बीघा भूमि के मध्य शानदार गुरुकुल परिसर है। वर्तमान में 170 लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही है। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, कम्प्यूटर, हिन्दी, संस्कृत आदि विषय पढ़ाए जाते हैं।
2. पर्यावरण की दृष्टि से उत्तम एवं स्वास्थ्यवर्धक स्थान।
3. कक्षा-कक्ष एवं छात्रावास सुसंगठित एवं सुव्यवस्थित आकार में निर्मित।
4. भव्य यज्ञशाला जिसमें 500 छात्राएं बैठकर हवन कर सकती हैं। यहाँ सुबह-शाम दोनों समय गाय के घी से हवन होता है।
5. स्वामी ओमानन्द पुस्तकालय जिसमें पाठ्यक्रम से सम्बन्धित एवं अन्य वैदिक साहित्य है। इसी में वाचनालय भी है जिसमें दैनिक समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं आती है।
6. चार कमरों का साईंस ब्लॉक तैयार हो गया है। अब विज्ञान के उपकरण लगाकर लैब बनाई जाएगी।
7. कम्प्यूटर कक्ष जिसमें कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट व्यवस्था है। प्रत्येक छात्रा का कम्प्यूटर सीखना अनिवार्य है।
8. खेल की समुचित व्यवस्था (गुरुकुल में सुबह चार बजे से रात्रि 10 बजे तक सुव्यवस्थित समय-सारणी होती है)। खेल के अतिरिक्त लाठी चलाना, तलवार चलाना, योग अभ्यास आदि में भी छात्राएं निपुण हैं।
9. सहायक पाठ्यक्रम गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। जैसे भाषण प्रतियोगिता, सिविल सेवाओं की प्रतियोगिता, अष्टाध्यायी पूर्ण मौखिक याद करना आदि। आई.ए.एस. से लेकर साधारण सिविल सेवाओं तक की प्रतियोगिता में लड़कियों ने सफलता प्राप्त की है।
10. शानदार गोशाला, दुधारू नस्ल की गाए हैं। शायद यह उदाहरण है कि यहां प्रत्येक छात्रा को दूध, दही नि:शुल्क दिया जाता है। ऐसी व्यवस्था की जाती है कि एक क्विंटल दूध प्रतिदिन प्राप्त हो।
11. गोशाला के साथ एक बायोगैस है जिससे पाकशाला के लिए गैस एवं कृषि के लिए उत्तम खाद प्राप्त होती है।
12. सौर ऊर्जा की सम्पूर्ण व्यवस्था है, जिसे सर्दियों में गर्म पानी करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
13. गोशाला एवं छात्रावास व कृषि के लिए दो अन्य बिजली के नलकूप चल रहे।
14. गुरुकुल में रोहतक विश्वविद्यालय का परीक्षा केन्द्र होता है। इसलिए एक बहुत बड़ा सुव्यवस्थित परीक्षा हाल है।
15. गुरुकुल का अपना एक वाहन जो गुरुकुलीय कार्यों के लिए सदुपयोगी है।
16. गुरुकुल में चौ. लोकराम माढ़ी ने कुआं बनवाया एवं चौ. अत्तर सिंह पुत्र लोकराम ने नाल आदि बनवाकर तैयार करवाया व उनके पुत्र पूर्व विधायक चौ. नृपेन्द्रसिंह ने कुएं की जीर्ण व्यवस्था को अपने विधायक कोटे से मरम्मत करवाई थी। (दुर्भाग्यवश पानी के नीचे चले जाने से अब यह कुआं प्रयोग में नहीं है।)
17. गुरुकुल में पूर्ण गुरुकुलीय प्रणाली का एवं कठोर अनुशासन का पालन किया जाता है।
गुरुकुल के उद्देश्य हैं:-
१. देववाणी संस्कृत के माध्यम से वेद, ब्राह्मणग्रन्थ, उपनिषद्, निरुक्त और व्याकरण आदि सभी विषयों की शिक्षा देना एवं भारतीय परिवेश में सार्थक ज्ञानोपार्जन करना।
२. महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा निर्दिष्ट शैली से एवं प्राचीन आश्रम-प्रणाली के अनुसार बलवती, सदाचारिणी, देशभक्त, धर्मात्मा, विदुषी तैयार करना एवं प्राच्य-पाश्चात्य विषयों का समुचित सामंजस्य, आश्रमव्यवस्था एवं नियमित दिनचर्या।
३. वैदिक धर्म व वैदिक साहित्य का जनता में प्रचार-प्रसार करना।
४. गुरुकुल शिक्षाप्रणाली और आर्षपाठविधि को संचालित एवं प्रोत्साहित करना आदि।
५. शुद्ध सात्त्विक संतुलित आहार, गोदुग्ध की नि:शुल्क व्यवस्था एवं योगाभ्यास।
गुरुकुल की विशेषताएँ हैं:-
१. इस गुरुकुल की सर्वप्रथम विशेषता यह है कि यहां का जलवायु अत्युत्तम, स्वास्थ्यवर्धक एवं सुहावना प्राकृतिक सौन्दर्यवाला है।
२. यहां पर महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा निर्दिष्ट आर्षपाठविधि से शिक्षा दी जाती है।
३. यहां पर शिक्षा का कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
४. छात्राओं को दूध-दही नि:शुल्क दिया जाता है।
५. ब्रह्मचारिणियों के भोजन-छादन और रहन-सहन आदि में समानता का व्यवहार होता है।
६. सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धान्त को क्रियात्मक रूप दिया जाता है।
७. हिन्दी-संस्कृत माध्यम द्वारा शिक्षा दी जाती है।
८. प्राचीन आर्ष-विद्या के साथ ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा दी जाती है। यथा अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर डिप्लोमा आदि।
९. देश-प्रेम तथा राष्ट्रीय भावना का विकास।
१०. यहां छात्राओं को आदर्श ब्रह्मचारिणी बनाने के लिए दिन-रात चरित्रवती ब्रह्मचारिणी अध्यापिकाओं के निरीक्षण में विशेष परिश्रम किया जाता है।
११. यहां ब्रह्मचारिणियाँ नियमित रूप से एक घण्टा यथायोग्य श्रमदान करती हैं, जिसमें सफाई, कृषि, गोशाला तथा इसी प्रकार के सामयिक कार्य सम्मिलित हैं। इस श्रमदान से स्वास्थ्य, कार्यक्षमता के साथ-साथ अपनी संस्था के प्रति हार्दिक स्नेह और आत्मीयता की भावना उत्पन्न होती है।
१२. महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक की परीक्षाओं का केन्द्र गुरुकुल में ही बन गया है।
१३. कन्या गुरुकुल महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक से स्थानीय मान्यता प्राप्त है।
१४. गुरुकुल में सुसज्जित, अत्याधुनिक, इन्वर्टरयुक्त कम्प्यूटर लैब है।
१५. गुरुकुल परिसर वाई-फाई सुविधायुक्त है।
१६. छात्राओं को शुद्ध पीने के पानी हेतु आर.ओ. की व्यवस्था है।
१७. छात्राओं को नियमित योग तथा खेलकूद कराया जाता है।
१८. नित्य प्रति हवन, सन्ध्या आदि द्वारा पवित्र जीवनचर्या का निर्माण कराया जाता है।
१९. गुरुकुल का अपना सुसज्जित आधुनिक विशाल सभागार है।
२०. विशाल एवं सुन्दर यज्ञशाला जिसमें समस्त छात्राएँ प्रात: एवं सायंकाल एक साथ बैठकर हवन एवं सन्ध्या करती हैं।
२१. विशाल गोशाला जहाँ गायों को वर्ष भर पौष्टिक एवं हरा चारा दिया जाता है एवं इस प्रकार के पौष्टिक आहार से प्राप्त दुग्ध को छात्राओं को दोनों समय नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
२२. गोशाला के उत्तम दुग्ध से लस्सी बनाकर छात्राओं को नि:शुल्क दिया जाता है एवं घी को नित्य किए जाने वाले यज्ञ एवं भोजनादि के प्रयोग में लाया जाता है।
२३. छात्राओं को वर्ष भर अपने खेतों की ताजी सब्जियाँ एवं सलाद भोजन में उपलब्ध कराया जाता है एवं विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की जाती है।
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